भारत मे 21 जुलाई को गुरुपूर्णिमा मनाई जाती है और क्या है इसका विशिष्ठ महत्व ।

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वरः  

गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः

हर साल भारत मे गुरुपूर्णिमा मनाई जाती है और भारत देश मे इस दिन का काफी महत्व है । इस साल गुरुपूर्णिमा 21 जुलाई को आई है ।

ये दिन समस्त गुरुओ को समर्पित करता है । ये दिन पूर्णिमा के दिन ही आता है , ये दिन भारतीय कैलंडर के अनुसार आता है इसीलिए हर साल इसकी तारीख इंग्लिश कैलंडर मे बदल जाती है । इस साल गुरुपूर्णिमा 21 जुलाई को आया है । समस्त भारत मे गुरु के लिए प्रार्थना की जाती है ।

इसी गुरुपूर्णिमा के दिन वेदव्यास जी का भी जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन को व्यास पोरणिमा भी कहते है । भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सर्वोच्च रहा है। ज्ञान और अनुशासन का अमूल्य उपहार देकर जीवन को सार्थक बनाने वाले सभी गुरुजनों के चरणों में सादर प्रणाम

मनुष्य जीवन के अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश लाने वाले ‘गुरु ‘ को हमारी संस्कृति में देवतुल्य माना गया है। “गु” का अर्थ होता है अंधकार और “रु” का अर्थ प्रकाश होता है । इसका यह मतलब है की वह जो शिष्य को अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर लेके जाता है वही गुरु कहलाता है ।

गुरुपूर्णिमा
गुरुपूर्णिमा का महत्व

भगवान शिव ने आज ही के दिन सप्तरीशिओ को ज्ञान दिया था । उन सप्तऋषियों के न है यात्री ,वशिष्ठ ,कश्यप, गौतम, भारद्वाज विश्वामित्र और अंगिरस।

हमारे समाज के हिसाब से हमारे मा बाप ही हमारे सबसे पहले गुरु होते है और उसके बाद हमारे शिक्षक , दोस्त ,इत्यादि । चाहे गुरु छोटा हो या बाद हमे उसका मान सन्मान रखना चाहिए । हमे सबसे सीखते रहने चाहिए , इसीसे हम आगे बढ़ते है और जिससे हम सीखते है वही हमारा गुरु है ।

आप सभी को आज की या आने वाली सभी गुरुपूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाए !

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